सोमवार, 23 जनवरी 2012
अशुद्ध वाक्यों के शुद्ध वाक्य
अशुद्ध वाक्यों के शुद्ध वाक्य
(1) वचन-संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध- शुद्ध
1. पाकिस्तान ने गोले और तोपों से आक्रमण किया।
अशुद्ध- शुद्ध
1. पाकिस्तान ने गोले और तोपों से आक्रमण किया।
पाकिस्तान ने गोलों और तोपों से आक्रमण किया।
2. उसने अनेकों ग्रंथ लिखे।
2. उसने अनेकों ग्रंथ लिखे।
उसने अनेक ग्रंथ लिखे।
3. महाभारत अठारह दिनों तक चलता रहा।
3. महाभारत अठारह दिनों तक चलता रहा।
महाभारत अठारह दिन तक चलता रहा।
4. तेरी बात सुनते-सुनते कान पक गए।
4. तेरी बात सुनते-सुनते कान पक गए।
तेरी बातें सुनते-सुनते कान पक गए।
5. पेड़ों पर तोता बैठा है।
5. पेड़ों पर तोता बैठा है।
पेड़ पर तोता बैठा है।
(2) लिंग संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध -शुद्ध
1. उसने संतोष का साँस ली।
(2) लिंग संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध -शुद्ध
1. उसने संतोष का साँस ली।
उसने संतोष की साँस ली।
2. सविता ने जोर से हँस दिया।
2. सविता ने जोर से हँस दिया।
सविता जोर से हँस दी।
3. मुझे बहुत आनंद आती है।
3. मुझे बहुत आनंद आती है।
मुझे बहुत आनंद आता है।
4. वह धीमी स्वर में बोला।
4. वह धीमी स्वर में बोला।
वह धीमे स्वर में बोला।
5. राम और सीता वन को गई।
5. राम और सीता वन को गई।
राम और सीता वन को गए।
(3) विभक्ति-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. मैं यह काम नहीं किया हूँ।
(3) विभक्ति-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. मैं यह काम नहीं किया हूँ।
मैंने यह काम नहीं किया है।
2. मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ।
2. मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ।
मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।
3. हमने इस विषय को विचार किया।
3. हमने इस विषय को विचार किया।
हमने इस विषय पर विचार किया
4. आठ बजने को दस मिनट है।
4. आठ बजने को दस मिनट है।
आठ बजने में दस मिनट है।
5. वह देर में सोकर उठता है।
5. वह देर में सोकर उठता है।
वह देर से सोकर उठता है।
(4) संज्ञा संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा।
(4) संज्ञा संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा।
मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँगा।
2. कुत्ता रेंकता है।
2. कुत्ता रेंकता है।
कुत्ता भौंकता है।
3. मुझे सफल होने की निराशा है।
3. मुझे सफल होने की निराशा है।
मुझे सफल होने की आशा नहीं है।
4. गले में गुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।
4. गले में गुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।
पैरों में गुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।
(5) सर्वनाम की अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. गीता आई और कहा।
(5) सर्वनाम की अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. गीता आई और कहा।
गीता आई और उसने कहा।
2. मैंने तेरे को कितना समझाया।
2. मैंने तेरे को कितना समझाया।
मैंने तुझे कितना समझाया।
3. वह क्या जाने कि मैं कैसे जीवित हूँ।
3. वह क्या जाने कि मैं कैसे जीवित हूँ।
वह क्या जाने कि मैं कैसे जी रहा हूँ।
(6) विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. किसी और लड़के को बुलाओ।
(6) विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. किसी और लड़के को बुलाओ।
किसी दूसरे लड़के को बुलाओ।
2. सिंह बड़ा बीभत्स होता है।
2. सिंह बड़ा बीभत्स होता है।
सिंह बड़ा भयानक होता है।
3. उसे भारी दुख हुआ।
3. उसे भारी दुख हुआ।
उसे बहुत दुख हुआ।
4. सब लोग अपना काम करो।
4. सब लोग अपना काम करो।
सब लोग अपना-अपना काम करो।
(7) क्रिया-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. क्या यह संभव हो सकता है ?
(7) क्रिया-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. क्या यह संभव हो सकता है ?
क्या यह संभव है ?
2. मैं दर्शन देने आया था।
2. मैं दर्शन देने आया था।
मैं दर्शन करने आया था।
3. वह पढ़ना माँगता है।
3. वह पढ़ना माँगता है।
वह पढ़ना चाहता है।
4. बस तुम इतने रूठ उठे
4. बस तुम इतने रूठ उठे
बस, तुम इतने में रूठ गए।
5. तुम क्या काम करता है ?
5. तुम क्या काम करता है ?
तुम क्या काम करते हो ?
(8) मुहावरे-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. युग की माँग का यह बीड़ा कौन चबाता है
(8) मुहावरे-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. युग की माँग का यह बीड़ा कौन चबाता है
युग की माँग का यह बीड़ा कौन उठाता है।
2. वह श्याम पर बरस गया।
2. वह श्याम पर बरस गया।
वह श्याम पर बरस पड़ा।
3. उसकी अक्ल चक्कर खा गई।
3. उसकी अक्ल चक्कर खा गई।
उसकी अक्ल चकरा गई।
4. उस पर घड़ों पानी गिर गया।
4. उस पर घड़ों पानी गिर गया।
उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
(9) क्रिया-विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. वह लगभग दौड़ रहा था।
(9) क्रिया-विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. वह लगभग दौड़ रहा था।
वह दौड़ रहा था।
2. सारी रात भर मैं जागता रहा।
2. सारी रात भर मैं जागता रहा।
मैं सारी रात जागता रहा।
3. तुम बड़ा आगे बढ़ गया।
3. तुम बड़ा आगे बढ़ गया।
तुम बहुत आगे बढ़ गए.
4. इस पर्वतीय क्षेत्र में सर्वस्व शांति है।
4. इस पर्वतीय क्षेत्र में सर्वस्व शांति है।
इस पर्वतीय क्षेत्र में सर्वत्र शांति है।
मंगलवार, 10 जनवरी 2012
फुरसत के पल
ये पल बहुत ही हसीन होते हैं ... जब रोज़मर्रा की जिंदगी से आदमी तंग आ जाता है तब ये क्षण उसे एक नया उत्साह प्रदान करते हैं . प्रत्येक व्यक्ति को इस क्षण की खूबसूरती का आनंद उठाना चाहिए .
आज इस महंगाई और प्रतिस्पर्धा के जमाने में हर व्यक्ति आगे निकलना चाहता है . वह मशीनों के साथ काम कर करके एक मशीन बन चुका है . समय का पहिया आगे बढ़ जाने पर सिर्फ पछतावा ही हाथ आएगा ....
इसलिए सभी परेशानियों को ताक पर रखकर जीवन जीने का तरीका बदलना चाहिए ....उन्हें हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए . ये तभी संभव है जब हम जीवन में नए रंग भरें .. उसे रंगीला बनायें .. इसतरह हम फुरसत के पलों को जीवन में स्थान दे कर वो सब खुशियाँ हासिल कर पाएंगे जो हम चाहते हैं ....
आज इस महंगाई और प्रतिस्पर्धा के जमाने में हर व्यक्ति आगे निकलना चाहता है . वह मशीनों के साथ काम कर करके एक मशीन बन चुका है . समय का पहिया आगे बढ़ जाने पर सिर्फ पछतावा ही हाथ आएगा ....
इसलिए सभी परेशानियों को ताक पर रखकर जीवन जीने का तरीका बदलना चाहिए ....उन्हें हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए . ये तभी संभव है जब हम जीवन में नए रंग भरें .. उसे रंगीला बनायें .. इसतरह हम फुरसत के पलों को जीवन में स्थान दे कर वो सब खुशियाँ हासिल कर पाएंगे जो हम चाहते हैं ....
शुक्रवार, 6 जनवरी 2012
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। जैसे -राम बहुत सुन्दर कथा लिखता है। अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कथाकार' का प्रयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार ,अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। यहां पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं : -
१.जो दिखाई न दे - अदृश्य
२.जिसका जन्म न हो - अजन्मा
३.जिसका कोई शत्रु न हो - अजातशत्रु
४.जो बूढ़ा न हो - अजर
५.जो कभी न मरे - अमर
६.जो पढ़ा -लिखा न हो - अनपढ़
७.जिसके कोई संतान न हो - नि:संतान
८.जो उदार न हो - अनुदार
९. जिसमे धैर्य न हो - अधीर
१०.जिसमे सहन शक्ति हो - सहिष्णु
११.जिसके समान दूसरा न हो - अनुपम
१२.जिस पर विश्वास न किया जा सके - अविश्वसनीय
१३.जिसकी थाह न हो - अथाह
१४.दूर की सोचने वाला - दूरदर्शी
१५.जो दूसरों पर अत्याचार करें - अत्याचारी
१६.जिसके पास कुछ भी न हो - अकिंचन
१७.दुसरे देश से अपने देश में समान आना - आयात
१८.अपने देश से दूसरे देश में समान जाना - निर्यात
१९.जो कभी नष्ट न हो - अनश्वर
२०.जिसे कोई जीत न सके - अजेय
२१.अपनी हत्या स्वयं करना - आत्महत्या
२२.जिसे दंड का भय न हो - उद्दंड
२३.जिस भूमि पर कुछ न उग सके - ऊसर
२४.जनता में प्रचलित सुनी -सुनाई बात - किंवदंती
२५.जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो - कुलीन
२६.जिसकी सब जगह बदनामी -कुख्यात
२७.जो क्षमा के योग्य हो - क्षम्य
२८.शीघ्र नष्ट होने वाला - क्षणभंगुर
२९.कुछ दिनों तक बने रहना वाला - टिकाऊ
३०.पति-पत्नी का जोड़ा - दम्पत्ति
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